भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल का उद्घाटन: पीएम नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम में शुरू की नई रेल सेवा

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भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल का उद्घाटन: पीएम नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम में शुरू की नई रेल सेवा   

आज 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल, न्यू पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक क्षण में पीएम मोदी ने केवल इस आधुनिक इंजीनियरिंग चमत्कार का लोकार्पण किया बल्कि रामेश्वरम से तांबरम (चेन्नई) तक नई रेल सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। यह पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गया है, जो सिर्फ यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और धार्मिक महत्व को भी बढ़ाएगा।

 


न्यू पंबन ब्रिज जिसकी लंबाई 2.5 किलोमीटर है, रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा लगभग 535 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह पुराने पंबन पुल का आधुनिक विकल्प है, जिसे 1914 में बनाया गया था और जो समय के साथ जर्जर हो गया था। नया पुल अपनी वर्टिकल लिफ्ट तकनीक के लिए खास है, जो जहाजों को गुजरने की अनुमति देने के लिए पुल के मध्य भाग को ऊपर उठा सकता है। यह सुविधा इसे भारत का पहला ऐसा समुद्री रेलवे पुल बनाती है। इस परियोजना की आधारशिला स्वयं पीएम मोदी ने रखी थी, और आज इसका उद्घाटन उनके नेतृत्व में भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और कदम है।

 

उद्घाटन समारोह से पहले पीएम मोदी ने रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की, जो हिंदुओं के चार धामों में से एक प्रमुख तीर्थस्थल है। इसके बाद, उन्होंने स्थानीय जनता को संबोधित करते हुए कहा "यह पुल केवल कंक्रीट और स्टील का ढांचा नहीं है, बल्कि यह विकास, आस्था और समृद्धि का प्रतीक है। यह रामेश्वरम के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को और आसान बनाएगा।"

 

इस अवसर पर शुरू की गई रामेश्वरम-तांबरम रेल सेवा से तमिलनाडु के लोगों को चेन्नई तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। यह ट्रेन सेवा केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। स्थानीय लोगों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर बताया है।

 

इससे पहले, 29 मार्च को नए पंबन रेलवे ब्रिज पर एक रिहर्सल आयोजित की गई थी, जिसमें इसकी तकनीकी क्षमता का सफल परीक्षण किया गया। 550 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस परियोजना को पूरा करने में कई साल लगे, और अब यह भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए तैयार है।

 

न्यू पंबन ब्रिज और नई रेल सेवा का उद्घाटन केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को आधुनिकता के साथ जोड़ने का एक शानदार उदाहरण भी है। रामनवमी के दिन यह आयोजन इसे और भी खास बनाता है, क्योंकि यह भगवान राम से जुड़े इस पवित्र स्थल के महत्व को रेखांकित करता है।

 


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