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मेहुल चोकसी: पीएनबी घोटाले का मास्टरमाइंड बेल्जियम में गिरफ्तार |
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 13,850 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक घोटाले का मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार हो गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अथक प्रयासों के बाद, भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस ने शनिवार को एंटवर्प में चोकसी को हिरासत में लिया। यह गिरफ्तारी आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भारत की वैश्विक कार्रवाई में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
चोकसी
पर अपने भतीजे नीरव
मोदी के साथ मिलकर
पीएनबी के मुंबई शाखा
में फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग
(एलओयू) और विदेशी लेटर
ऑफ क्रेडिट के जरिए बैंक
को भारी नुकसान पहुंचाने
का आरोप है। जनवरी
2018 में घोटाला उजागर होने से ठीक
पहले वह भारत से
फरार हो गया और
एंटीगुआ और बारबुडा की
नागरिकता लेकर वहां बस
गया। बाद में वह
बेल्जियम के एंटवर्प में
अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रहने
लगा, जहां उसने 'एफ
रेजिडेंसी कार्ड' हासिल किया था।
भारतीय
एजेंसियों ने इंटरपोल और
बेल्जियम अधिकारियों के साथ मिलकर
चोकसी की गतिविधियों पर
नजर रखी। हाल ही
में इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस हटाए
जाने के बावजूद, भारत
ने प्रत्यर्पण के लिए नए
सिरे से दबाव बनाया।
सूत्रों के मुताबिक, चोकसी
की गिरफ्तारी खुफिया जानकारी और आपसी सहयोग
का नतीजा है।
चोकसी की गिरफ्तारी पर उनके वकील विजय अग्रवाल ने बयान जारी किया: "मेरे मुवक्किल मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है और अभी वह हिरासत में हैं। हम इसके खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। अपील के तहत हम उनकी रिहाई की मांग करेंगे। अपील का प्रमुख आधार उनकी खराब सेहत है, क्योंकि वह कैंसर का इलाज करा रहे हैं।"
#WATCH | Delhi: On fugitive Mehul Choksi's arrest in Belgium, his Advocate Vijay Aggarwal says, "My client Mehul Choksi has been arrested in Belgium and at the moment, he is in custody. We will be starting the process of filing an appeal against this, and then, as a process of… pic.twitter.com/l00ZhN1BY5
— ANI (@ANI) April 14, 2025
अब सीबीआई और ईडी चोकसी
को भारत लाने की
प्रक्रिया में जुट गए
हैं। हालांकि उसके वकील स्वास्थ्य
कारणों और कानूनी आधारों
पर जमानत की कोशिश कर
सकते हैं जिससे प्रत्यर्पण
में देरी संभव है।
फिर भी यह गिरफ्तारी
भारत के लिए एक
मजबूत संदेश है कि भगोड़े
अपराधी कहीं भी छिपें,
कानून उनका पीछा नहीं
छोड़ेगा। जांच एजेंसियां अब
बेल्जियम के साथ समन्वय
कर रही हैं।
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