यूपी विधानसभा में योगी आदित्यनाथ |
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राज्य विधानसभा में बोलते हुए कहा कि भगवान राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपराएं भारत में गहराई से निहित रहेंगी जबकि बाबर और औरंगजेब की विरासत समय के साथ फीकी पड़ जाएगी।
मुख्यमंत्री
की यह टिप्पणी विपक्ष
के इस सुझाव के
जवाब में आई है कि
धार्मिक नारे लगाना या मुस्लिम बहुल
इलाकों से हिंदू जुलूसों
को गुजरने देना सांप्रदायिक तनाव का कारण बन
सकता है।
योगी
आदित्यनाथ ने विधानसभा को
संबोधित करते हुए सवाल किया "संविधान
में यह कहां लिखा
है कि हिंदू जुलूस
मुस्लिम बहुल इलाके से नहीं गुजर
सकता?" उन्होंने आगे कहा "जब आप इसे
रोकते हैं, तो हिंदू पक्ष
की ओर से भी
प्रतिक्रिया आती है कि हम
इसे जाने नहीं देंगे। मैं इन बातों से
हैरान हूं- आप कैसे कह
सकते हैं कि मस्जिद के
सामने जुलूस की अनुमति नहीं
दी जाएगी? क्या यह सड़क किसी
की है? यह एक सार्वजनिक
सड़क है, आप किसी को
कैसे रोक सकते हैं?"
भारत के अंदर प्रभु श्री राम, श्रीकृष्ण और भगवान बुद्ध की ही परंपरा रहेगी,
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 16, 2024
बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी... pic.twitter.com/2a8WwpANy9
मुख्यमंत्री
ने बहराइच में हुई एक हालिया घटना
का जिक्र किया जहां कथित तौर पर भड़काऊ नारे
लगाए जाने के कारण एक
पारंपरिक हिंदू जुलूस को रोक दिया
गया था। नारों का बचाव करते
हुए उन्होंने कहा "जय श्री राम
का नारा भड़काऊ नहीं है; यह हमारी आस्था
और भक्ति का प्रतीक है।"
तुलना करते हुए उन्होंने कहा, "अगर कल मैं कहूं
कि मुझे 'अल्लाहु अकबर' का नारा पसंद
नहीं है, तो क्या आपको
यह पसंद आएगा?"
भारत
की समृद्ध धार्मिक विरासत पर जोर देते
हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा "हमारी
विरासत विशाल और प्राचीन है।
जय श्री राम, हर हर महादेव
और राधे राधे ऐसे अभिवादन हैं जिन्हें हम दिल से
मानते हैं। हमें किसी और की जरूरत
नहीं है।" मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक ग्रंथों
का भी हवाला दिया,
जिसमें मुगल सम्राट बाबर के संस्मरण बाबरनामा
का जिक्र करते हुए दावा किया गया कि इसमें एक
मंदिर को तोड़कर दूसरा
ढांचा बनाने की बात दर्ज
है।
योगी आदित्यनाथ ने सांप्रदायिक हिंसा
पर चुनिंदा आक्रोश की आलोचना की,
खासकर संभल की घटनाओं का
जिक्र करते हुए। ऐतिहासिक आंकड़ों पर प्रकाश डालते
हुए उन्होंने कहा “1947 से अब तक
संभल में 209 हिंदुओं की हत्या की
जा चुकी है, लेकिन मगरमच्छ के आंसू बहाने
वालों ने कभी भी
निर्दोष हिंदुओं के बारे में
नहीं बोला।” मुख्यमंत्री की टिप्पणियों ने
धार्मिक परंपराओं को संरक्षित करने
के उनके रुख को रेखांकित किया,
जबकि उन्होंने सांप्रदायिक तनावों के इर्द-गिर्द
एकतरफा बयानों की निंदा की।