इस्कॉन ने बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर चिंता जताई |
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (इस्कॉन) ने सोमवार को बांग्लादेश में प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद अपनी कड़ी आपत्ति जताई। संगठन ने मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है।
सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस्कॉन ने
कहा "हमें
परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि इस्कॉन बांग्लादेश
के प्रमुख नेताओं में से एक श्री
चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस
ने हिरासत में लिया है। यह बेबुनियाद आरोप
लगाना अपमानजनक है कि इस्कॉन
का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से
कोई लेना-देना है।"
We have come across disturbing reports that Sri Chinmoy Krishna Das, one of the prominent leaders of ISKCON Bangladesh, has been detained by the Dhaka police.
— Iskcon,Inc. (@IskconInc) November 25, 2024
It is outrageous to make baseless allegations that ISKCON has anything to do with terrorism anywhere in the world.…
इस्कॉन
ने खुद को "शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन" के रूप में
पहचानते हुए भारत सरकार से इस मुद्दे
को तेजी से हल करने
के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत
करने का आग्रह किया।
संगठन ने कहा "इस्कॉन,
इंक. भारत सरकार से तत्काल कदम
उठाने और बांग्लादेश सरकार
से बात करने और यह बताने
का आग्रह करता है कि हम
एक शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन हैं।"
चिन्मय कृष्ण
दास
ब्रह्मचारी
कौन
हैं?
चन्दन
कुमार धर के रूप
में जन्मे चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी इस्कॉन बांग्लादेश के पूर्व नेता
हैं और देश में
हिंदू अधिकारों के मुखर समर्थक
हैं। एएनआई और द डेली
स्टार की रिपोर्ट के
अनुसार उन्हें सोमवार दोपहर ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ़्तार किया
गया।
कृष्ण
दास ने हाल ही
में बांग्लादेश में हिंदू भक्तों के खिलाफ़ कथित
अत्याचारों को उजागर करने
के लिए कई रैलियाँ आयोजित
की थीं। वह बांग्लादेश सम्मिलितो
सनातन जागरण जोते समूह के सदस्य भी
हैं और पहले इस्कॉन
के प्रवक्ता के रूप में
काम कर चुके हैं।
आरोप और
गिरफ़्तारी
ढाका
पुलिस ने गिरफ़्तारी की
पुष्टि की, प्रवक्ता तालेबुर रहमान ने कहा कि
आरोपों में चटगाँव में अक्टूबर में एक रैली के
दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज
का अपमान करने का आरोप शामिल
है। कृष्ण दास देश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले
नफ़रत भरे हमलों और धार्मिक भेदभाव
के मुखर आलोचक भी रहे हैं।
इस्कॉन
की अपील ने भारत सरकार
से यह सुनिश्चित करने
की माँग को और बढ़ा
दिया है कि इस
मामले में न्याय मिले जिसे वह गलत तरीके
से हिरासत में लिए जाने का मामला बता
रहा है। इस घटना से
विश्व भर में हिन्दू
समुदायों में गहरी प्रतिक्रिया हुई है तथा अनेक
लोगों ने बांग्लादेश में
अल्पसंख्यकों के साथ हो
रहे व्यवहार पर चिंता व्यक्त
की है।