तृणमूल सांसद जवाहर सरकार ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया, ममता बनर्जी ने पुनर्विचार करने का आग्रह किया |
एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने 8 सितंबर 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या के बाद राज्यसभा से अपने इस्तीफे की घोषणा की। इस घटना ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है जिसमें सरकार ने मामले पर सरकार की प्रतिक्रिया को अपने पद से हटने के निर्णय का एक प्रमुख कारक बताया है।
सरकार
ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे अपने
त्यागपत्र में मामले से निपटने के
तरीके पर अपनी निराशा
व्यक्त की और उनसे
"राज्य को बचाने" का
आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद
है कि बनर्जी इस
मामले में अपनी पिछली नेतृत्व शैली के अनुरूप अधिक
प्रत्यक्ष कार्रवाई करेंगी। अस्पताल में कथित प्रशासनिक विफलताओं के खिलाफ जूनियर
डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन
का संदर्भ देते हुए सरकार ने लिखा "मुझे
लगा कि आप पुरानी
ममता शैली में चल रहे आंदोलन
में हस्तक्षेप करेंगी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं देखा।"
I am quitting as MP primarily because of WB government’s faulty handling of the most spontaneous public movement following the terrible rape-murder case at RG Kar Hospital.
— Jawhar Sircar (@jawharsircar) September 8, 2024
Quitting politics— to be with the people in their struggle for justice.
My commitment to values unchanged pic.twitter.com/V98R06ziny
सरकार
ने संकट के प्रति देरी
और अपर्याप्त प्रतिक्रिया की आलोचना की।
इस बात पर जोर देते
हुए कि सरकार जिम्मेदार
लोगों को जवाबदेह ठहराकर
सामान्य स्थिति को पहले ही
बहाल कर सकती थी।
उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देने
के बाद राजनीति से पूरी तरह
से संन्यास लेने के अपने इरादे
का भी संकेत दिया।
रिपोर्ट्स
बताती हैं कि ममता बनर्जी
ने सरकार की घोषणा के
बाद उनसे संपर्क किया और उनसे अपने
इस्तीफे पर पुनर्विचार करने
का आग्रह किया। इसके बावजूद सरकार के 11 सितंबर को दिल्ली जाकर
औपचारिक रूप से राज्यसभा के
सभापति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा
सौंपने की उम्मीद है।
आरजी
कर अस्पताल की घटना 9 अगस्त
2024 को हुई थी जब एक
प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार
और हत्या की गई थी।
आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर
लिया गया है लेकिन अस्पताल
प्रशासन और पुलिस को
कड़ी जांच का सामना करना
पड़ रहा है। आरोप सामने आए हैं कि
अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल
डॉ. संदीप घोष ने अपराध को
आत्महत्या के रूप में
छिपाने का प्रयास किया।
इसके अलावा पीड़ित के परिवार को
शव देखने में देरी का सामना करना
पड़ा और कथित तौर
पर पीड़िता की खोज के
14 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई।
टीएमसी
नेता कुणाल घोष ने सरकार के
इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त
करते हुए सरकार के पत्र में
उठाए गए कई बिंदुओं
से सहमति जताई और उन्हें "पश्चिम
बंगाल का सबसे बड़ा
नौकरशाह" बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने
का फैसला व्यक्तिगत था।
यह
मामला पश्चिम बंगाल में सदमे की लहरें पैदा
कर रहा है जिसमें चिकित्सा
समुदाय की ओर से
विरोध प्रदर्शन और सरकार से
अधिक जवाबदेही की मांग की
जा रही है।