दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 14 दिनों के लिए जेल भेजा गया

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दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 14 दिनों के लिए जेल भेजा गया

दिल्ली शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है जिसके संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। सीबीआई ने कहा कि श्री केजरीवाल की हिरासत "जांच और न्याय के हित" के लिए आवश्यक है।

 

इससे पहले आज विशेष न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने श्री केजरीवाल को उनकी तीन दिवसीय सीबीआई हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किए जाने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।

 

सीबीआई ने अपने रिमांड आवेदन में आरोप लगाया कि श्री केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया और टालमटोल वाले जवाब दिए। सीबीआई ने कहा "सबूतों के सामने आने पर उन्होंने बिना किसी अध्ययन या औचित्य के दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत थोक विक्रेताओं के लिए लाभ मार्जिन को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के बारे में उचित और सत्य स्पष्टीकरण नहीं दिया।" सीबीआई ने आगे कहा कि श्री केजरीवाल यह नहीं बता पाए कि कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान संशोधित आबकारी नीति के लिए कैबिनेट की मंजूरी एक दिन के भीतर जल्दबाजी में क्यों प्राप्त की गई। यह मंजूरी दिल्ली में उनके करीबी सहयोगी विजय नायर और साउथ ग्रुप के सदस्यों की बैठकों के साथ हुई।

 

केंद्रीय एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि श्री केजरीवाल ने अपने सहयोगी विजय नायर और दिल्ली में शराब के कारोबार में हितधारकों के बीच बैठकों के बारे में सवालों को टाल दिया। वह कथित तौर पर मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, अर्जुन पांडे और मूथा गौतम के साथ अपनी बातचीत के बारे में संतोषजनक स्पष्टीकरण देने में असमर्थ थे, जो मामले में भी आरोपी हैं।

 

सीबीआई के आवेदन में कहा गया है "वह एक प्रमुख राजनेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं। ऐसे में यह मानने के विश्वसनीय कारण हैं कि वह हिरासत में पूछताछ के दौरान अपने सामने पहले से ही उजागर हुए गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं, साथ ही संभावित गवाहों की भी जांच की जानी बाकी है। इससे आगे एकत्र किए जाने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है और चल रही जांच में बाधा सकती है।"

श्री केजरीवाल को 2021-22 के लिए दिल्ली शराब नीति तैयार करने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को पहली बार गिरफ्तार किया था। बाद में उपराज्यपाल द्वारा चिंता जताए जाने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था। ईडी ने आरोप लगाया कि शराब विक्रेताओं से प्राप्त धन का इस्तेमाल गोवा में आम आदमी पार्टी (आप) के अभियान के लिए किया गया था, क्योंकि श्री केजरीवाल पार्टी के संयोजक हैं।

 

शुरू से ही श्री केजरीवाल और आप ने कहा है कि केंद्र झूठे मामलों के जरिए विपक्ष को परेशान करने के लिए अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहा है।


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