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सुप्रीम कोर्ट ने कथित भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन की याचिका पर सीधे सुनवाई से इनकार कर दिया |
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए एक बड़ा झटका सुप्रीम कोर्ट ने कथित भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी से संबंधित उनकी याचिका पर विचार करने से आज इनकार कर दिया। याचिका भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए निर्धारित थी।
कार्यवाही
के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण
सवाल उठाया जिसमें सवाल उठाया गया कि हेमंत सोरेन
ने शुरू में उच्च न्यायालय का दरवाजा क्यों
नहीं खटखटाया। अदालत ने इस बात
पर जोर दिया कि जहां हर
कोई सीधे संपर्क कर सकता है
वहीं उच्च न्यायालय भी ऐसे मामलों
में उचित आदेश देने में सक्षम है।
Supreme Court asks former Jharkhand CM Hemant Soren to approach Jharkhand High Court with his plea against his arrest by ED in land matter. pic.twitter.com/twmmPVAvjN
— ANI (@ANI) February 2, 2024
पीठ
ने कहा "अगर हम सीधे आपकी
याचिका पर सुनवाई करते
हैं तो हमें हर
किसी को सीधे सुनना
होगा। अदालत सभी के लिए समान
है।"
हेमंत
सोरेन का प्रतिनिधित्व कर
रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया
कि इस मामले में
एक पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं और उन्होंने उच्च
न्यायालय से अपनी याचिका
वापस ले ली है।
हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन की
कानूनी टीम को उच्च न्यायालय
में वापस जाने की सलाह दी
यह बताते हुए कि यह एक
संवैधानिक अदालत भी है। अदालत
ने मामले को संवैधानिक रूप
से संबोधित करने की उच्च न्यायालय
की क्षमता को रेखांकित करते
हुए सीधे सुनवाई की याचिका खारिज
कर दी।
यह
घटनाक्रम हेमंत सोरेन के लिए एक
झटका है जिन्हें अब
कथित भूमि घोटाला मामले के संबंध में
अपनी याचिका को आगे बढ़ाने
के लिए उच्च न्यायालय में फिर से जाने की
आवश्यकता होगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे
मामलों में शीर्ष अदालत से सीधे हस्तक्षेप
की मांग करने से पहले कानूनी
प्रक्रिया और उच्च न्यायालय
का दरवाजा खटखटाने के महत्व को
रेखांकित करता है।
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