सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में फैसला सुनाया गया |
दिल्ली की साकेत जिला अदालत ने 30 सितंबर 2008 को हुई टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की दुखद हत्या के मामले में आज अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया।
अदालत ने चार दोषियों- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उनमें से प्रत्येक पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे की अध्यक्षता वाली अदालत ने मौत की सजा की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला ऐसी सजा देने वाले दुर्लभ मामलों के दायरे में नहीं आता है।
इस बीच पांचवें दोषी अजय सेठी को तीन साल की जेल की सजा के साथ ₹7.25 लाख का जुर्माना लगाया गया। विशेष रूप से अदालत ने सेठी द्वारा 14 वर्ष से अधिक कारावास की सजा को ध्यान में रखा।
दोषियों पर लगाए गए कुल जुर्माने में से ₹12 लाख पीड़ित परिवारों को दिए जाएंगे। यह ऐतिहासिक निर्णय 17 वर्षों से अधिक समय तक चली कानूनी लड़ाई के बाद समाप्त हुआ जिससे विश्वनाथन के माता-पिता को कुछ हद तक राहत मिली।
हालाँकि मीडिया को संबोधित करते हुए विश्वनाथन की माँ ने मिश्रित भावनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने कहा "मैं संतुष्ट नहीं हूं, लेकिन मैं कह सकती हूं कि यह एक अच्छी बात है। समाज को एक संदेश दिया गया है कि आप जो करते हैं उसके परिणाम आपको भुगतने होंगे।"
#WATCH | Delhi: On Saket Court awarding life imprisonment to all four accused involved in 2008 TV journalist Soumya Vishwanathan's murder case, the mother of Soumya Vishwanathan says, "I am not satisfied, but I can say it is a good thing... A message has been given to society… pic.twitter.com/ajGIoUkZZM
— ANI (@ANI) November 25, 2023
अदालत ने हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 का हवाला देते हुए और मौत की ओर ले जाने वाले संगठित अपराध में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) प्रावधानों को लागू करते हुए 18 अक्टूबर को तीन आरोपियों को दोषी ठहराया था।
चौथे आरोपी अजय सेठी को बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करने के लिए आईपीसी की धारा 411 और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने के साथ-साथ संगठित अपराध को बढ़ावा देने सहायता करने या जानबूझकर सुविधा प्रदान करने की साजिश रचने के लिए मकोका प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था।
जांच से पता चला कि सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर 2008 को सुबह 3:30 बजे के आसपास काम से घर जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के पीछे का मकसद डकैती के रूप में पहचाना गया था।
अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार रवि कपूर ने अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक की मदद से डकैती करने के लिए विश्वनाथन की कार का पीछा करते समय देशी पिस्तौल से उस पर घातक गोली चलाई थी। अपराध में इस्तेमाल किया गया वाहन बाद में मामले के पांचवें आरोपी अजय सेठी जिसे चाचा के नाम से भी जाना जाता है से बरामद किया गया था।