भारत ने फ़िलिस्तीन में इज़रायली बस्तियों की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया |
एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम में भारत कथित तौर पर पूर्वी यरुशलम और कब्जे वाले सीरियाई गोलान सहित कब्जे वाले फिलिस्तीन क्षेत्र में इजरायली बस्तियों की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन करने में 145 देशों में शामिल हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 9 नवंबर को इसके मसौदे को मंजूरी मिलने के दो दिन बाद इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया।
यह
घटनाक्रम तब सामने आया
जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक सांसद
ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक तस्वीर
साझा की जिसमें संकेत
दिया गया कि भारत ने
कब्जे वाले फिलिस्तीन में इजरायली बस्तियों को अवैध घोषित
करने की मांग करने
वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के
पक्ष में मतदान किया था। इस खुलासे के
बावजूद खबर लिखे जाने तक विदेश मंत्रालय
की ओर से कोई
आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
एक
ट्वीट में टीएमसी सांसद ने भारत के
रुख पर संतुष्टि व्यक्त
करते हुए कहा "कब्जे वाले फिलिस्तीन में इजरायली बस्तियों को अवैध घोषित
करने की मांग के
लिए कल संयुक्त राष्ट्र
में एक प्रस्ताव पेश
किया गया था। बहुत खुशी है कि भारत
गणराज्य ने प्रस्ताव के
पक्ष में मतदान किया। इजरायल के बसने वालों
के माध्यम से फ़िलिस्तीन पर
कब्ज़ा अवैध है। इज़राइल का रंगभेद अब
समाप्त होना चाहिए।"
A resolution was moved in UN yesterday seeking to declare Israeli settlements in Occupied Palestine as illegal.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) November 11, 2023
Very glad that Republic of India voted in favor of the resolution.
Israel’s occupation of Palestine through settlers is ILLEGAL.
Israel’s apartheid must end NOW. pic.twitter.com/rv9iPzPIp8
यह
कदम भारत की स्थिति में
बदलाव का प्रतीक है
क्योंकि अक्टूबर में इज़राइल-हमास संघर्ष के दौरान भारत
ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव
से खुद को अलग कर
लिया था जिसमें गाजा
में इज़राइल और हमास आतंकवादियों
के बीच "तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय
संघर्ष विराम" का आह्वान किया
गया था। 'नागरिकों की सुरक्षा और
कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को कायम रखना'
शीर्षक वाले इस प्रस्ताव के
पक्ष में 120 वोट पड़े, विपक्ष में 12 वोट पड़े और भारत सहित
45 वोट अनुपस्थित रहे।
इजरायली
बस्तियों के खिलाफ संयुक्त
राष्ट्र का प्रस्ताव इजरायल
और हमास के बीच बढ़ते
तनाव के बीच आया
है। 7 अक्टूबर को आतंकवादी समूह
द्वारा किए गए अभूतपूर्व हमलों
में 1,400 से अधिक लोगों
की मौत के बाद इज़राइल
ने हमास के खिलाफ बड़े
पैमाने पर जवाबी कार्रवाई
शुरू की। हमास द्वारा संचालित गाजा पट्टी में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आतंकवादी
समूह को नष्ट करने
की कसम खाते हुए इज़राइल ने लगातार बमबारी
और जमीनी अभियान के साथ जवाब
दिया, जिससे मरने वालों की संख्या 11,000 से
अधिक हो गई।