कानपुर, उत्तर प्रदेश - एक दर्दनाक घटना में जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरकारी लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में रक्त आधान कराने वाले 14 बच्चों में जीवन-घातक संक्रमणों हेपेटाइटिस बी, सी, और एचआईवी के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया है। इस खुलासे से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित राजनीतिक नेताओं में आक्रोश फैल गया है जिन्होंने सरकार पर मासूम बच्चों के जीवन की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
6 से
16 वर्ष की आयु के
बच्चों को आनुवंशिक रक्त
विकार थैलेसीमिया के इलाज के
हिस्से के रूप में
रक्त आधान दिया जा रहा था।
इस स्थिति से जूझते हुए
इन युवा रोगियों को अब गंभीर
बीमारियों के अतिरिक्त बोझ
का सामना करना पड़ रहा है जिनमें से
सात को हेपेटाइटिस बी,
पांच को हेपेटाइटिस सी
और दो को एचआईवी
के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया है।
कांग्रेस
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गहरी चिंता
और आलोचना व्यक्त करते हुए सरकार पर लापरवाही का
आरोप लगाते हुए कहा कि ये बच्चे
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए "अक्षम्य अपराध" के कारण पीड़ित
हो रहे हैं। उन्होंने जिसे "डबल इंजन सरकार" कहा था उसके गंभीर
परिणामों की ओर इशारा
करते हुए दावा किया कि इसने स्वास्थ्य
सेवा प्रणाली को दोगुना बीमार
बना दिया है।
“डबल
इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य
प्रणाली को दोगुना बीमार
बना दिया है। खड़गे ने सोशल मीडिया
प्लेटफॉर्म पर लिखा यूपी
के कानपुर के एक सरकारी
अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 14 बच्चों
को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया जिससे इन बच्चों को
एचआईवी एड्स और हेपेटाइटिस बी,
सी जैसी गंभीर बीमारियां हो गईं। यह
गंभीर लापरवाही शर्मनाक है।
डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 25, 2023
यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को HIV AIDS और हेपेटाइटिस B, C जैसी चिंताजनक बीमारियाँ हो गई हैं।
ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है।…
खड़गे
ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही
में नागरिकों से दस संकल्प
लेने के आह्वान की
ओर ध्यान आकर्षित करते हुए भाजपा सरकार की जवाबदेही पर
भी सवाल उठाया। "कल मोदी जी
हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी
बातें सिखा रहे थे क्या उन्होंने
कभी अपनी भाजपा सरकारों के लिए रत्ती
भर भी जवाबदेही तय
की है?" खड़गे ने सवाल किया।
अधिकारियों
ने वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत संक्रमण
के स्रोत का पता लगाने
के लिए जांच शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में इस तरह की
भयावह चूक की आगे की
घटनाओं को रोकने के
लिए, हेपेटाइटिस और एचआईवी दोनों
के लिए संक्रमण की उत्पत्ति की
पहचान करने के लिए एक
टीम को नियुक्त किया
जाएगा।
संक्रमित
बच्चे राज्य के विभिन्न हिस्सों
से हैं जिनमें कानपुर शहर, देहात, फर्रुखाबाद, औरैया, इटावा और कन्नौज शामिल
हैं। जैसा कि देश इस
चौंकाने वाली घटना के दिल दहला
देने वाले परिणामों से जूझ रहा
है यह भविष्य में
ऐसी त्रासदियों को रोकने के
लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के भीतर बेहतर
सुरक्षा उपायों और जवाबदेही की
तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता
है।