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नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई की चार्जशीट में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का नाम शामिल


 दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर आरोप पत्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बीमार दिग्गज राजनेता लालू प्रसाद यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नाम लिया गया है। आरोप पत्र नौकरी के बदले भूमि घोटाले से संबंधित है यह एक कथित योजना है जिसमें रेलवे नौकरी नियुक्तियों के लिए भूमि की अदला-बदली शामिल है।

 


अलग-अलग कार्यप्रणाली के कारण दायर की गई नई चार्जशीट:

 

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता डीपी सिंह ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में नई चार्जशीट दाखिल की गई है। यह नया आरोप पत्र आवश्यक था क्योंकि कथित कृत्य एक अलग कार्यप्रणाली का उपयोग करके किया गया था। हालाँकि अदालत को यह भी बताया गया कि लालू प्रसाद यादव और मामले में शामिल तीन अन्य लोगों के खिलाफ अभी भी मंजूरी का इंतजार है।

 

लालू प्रसाद यादव पर जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने का आरोप:

 

पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर उम्मीदवारों या उनके रिश्तेदारों को जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दिलाने का आरोप है। इस मामले की जांच दो साल पहले शुरू हुई थी और मामले का आधिकारिक पंजीकरण पिछले साल हुआ था।

 

लालू और परिवार के सदस्यों के खिलाफ नया मामला दर्ज:

 

मई 2022 में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया था। मामले में आरोप लगाया गया है कि 2008 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान रेलवे में नौकरी नियुक्तियों के बदले इच्छुक उम्मीदवारों से भूमि का अधिग्रहण किया गया था। विशेष रूप से यह तब हुआ जब लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में जमानत पर बाहर थे जिसके लिए उन्हें एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था।

 

नौकरी के बदले भूमि घोटाले की व्याख्या:

 

सीबीआई के अनुसार माना जाता है कि 2004 और 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव ने विभिन्न रेलवे ज़ोन में ग्रुप डी पदों पर "सबस्टीट्यूट्स" की नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों को ज़मीन-जायदाद हस्तांतरित करके आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। कथित तौर पर नियुक्तियाँ आवेदन जमा करने के तीन दिनों के भीतर जल्दबाजी में की गईं और बाद में व्यक्तियों या उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी भूमि हस्तांतरित कर दी जिससे उनका नियमितीकरण हो गया।

 

कथित भूमि हस्तांतरण और सार्वजनिक सूचना का अभाव:

 

पटना के कई निवासियों या उनके परिवार के सदस्यों पर अपनी जमीनें यादव परिवार और लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी को बेचने या उपहार में देने का आरोप है। ये तबादले कथित तौर पर राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर हुए कार्यों के माध्यम से हुए। आरोप है कि इन नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई। हालाँकि पटना के व्यक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे शहरों में विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।

 

यादव परिवार द्वारा संपत्तियों का अधिग्रहण:

 

सीबीआई का दावा है कि पांच बिक्री कार्यों और दो उपहार कार्यों के माध्यम से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने पटना में लगभग 1,05,292 वर्ग फुट अचल संपत्ति अर्जित की। इनमें से अधिकांश भूमि हस्तांतरणों में कथित तौर पर नकद भुगतान किया गया था।

 

कानूनी कार्यवाही और बचाव:

 

इस आरोपपत्र के दाखिल होने के साथ ही जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले की जांच में तेजी गयी है। तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी सहित आरोपी व्यक्तियों को अब अदालत में अपना बचाव पेश करने का अवसर मिलेगा। जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही सामने आएगी कथित घोटाले के पीछे की सच्चाई का पता चलेगा।

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