दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को श्रद्धा वाकर हत्या मामले में आफताब पूनावाला के खिलाफ हत्या का आरोप तय किया। पूनावाला, जिस पर अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर का गला घोंटने और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटने का आरोप है और उसपर सबूत मिटाने का भी आरोप लगाया गया है।
प्रथम दृष्टया मामला बना
मुख्य न्यायाधीश
मनीषा खुराना कक्कड़ ने अतिरिक्त सत्र में बताया कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिक रूप से
आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत मामला बनता है। पूनावाला
ने अपनी दोषहीनता का दावा किया है और ट्रायल की मांग की है।
हत्या का पता तब चला जब श्रद्धा वालकर के पिता के एक दोस्त ने उन्हें सूचित किया कि उन्होंने लगभग दो महीने से उनसे बात नहीं की है। अपनी बेटी से संपर्क नहीं हो पाने के बाद वाकर के पिता ने पिछले साल अक्टूबर में मुंबई पुलिस को सूचित किया। उनकी जांच में दक्षिण दिल्ली के छतरपुर पहाड़ी में दंपति के किराए के कमरे का पता चला जहां उन्हें हत्या के सबूत मिले।
विभिन्न स्थानों पर फेंका गया
पुलिस के अनुसार अफताब पूनावाला ने श्रद्धा वालकर के शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया और उसे 300 लीटर के फ्रिज में रखा था जिसके बाद वह उसे कुछ दिनों तक शहर के विभिन्न स्थानों पर फेंकता रहा। मामले में सफलता तब मिली जब पूनावाला के निशानदेही पर शरीर के 13 सड़े हुए हिस्सों ज्यादातर हड्डियों के टुकड़े को पुनः प्राप्त किया गया। इससे श्रद्धा वालकर की हत्या की पुष्टि करने वाला डीएनए मैच हुआ।
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट
जनवरी में दिल्ली पुलिस ने मामले में 6,629 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। पुलिस द्वारा पिछले साल नवंबर में जांच शुरू करने के 75 दिन बाद चार्जशीट में जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों का विवरण दिया गया है और इसमें गवाहों के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट शामिल हैं।
पूनावाला और वाकर जो मुंबई से थे, एक रिश्ते में थे और मई 2022 में दिल्ली चले गए थे। पूनावाला को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
निष्कर्ष
श्रद्धा वालकरहत्या मामले में आफताब पूनावाला के खिलाफ हत्या
के आरोप तय किए जाने
से चल रही जांच
में एक महत्वपूर्ण विकास
हुआ है। यह मामला लापता
व्यक्तियों की समय पर
रिपोर्ट करने के महत्व और
जघन्य अपराधों के अपराधियों को
न्याय दिलाने के लिए गहन
जांच की आवश्यकता पर
प्रकाश डालता है।